bhairav kavach - An Overview

Wiki Article

भीषणो भैरवः पातु उत्तरस्यां तु सर्वदा

ॐ ह्रीं पादौ महाकालः पातु वीरासनो हृदि ॥ १३॥

महाकालस्यान्तभागे स्वाहान्तमनुमुत्तमम् ।

श्रृंगी सलिलवज्रेषु ज्वरादिव्याधि यह्निषु ।।





कथयामि शृणु प्राज्ञ बटोस्तु कवचं शुभम्



देवेशि देहरक्षार्थ कारणं कथ्यतां ध्रुवम्।।

वैसे तो भैरव कवच का पाठ नित्य पूजा में बोलकर आसानी से किया जा सकता है, यदि कोई विशेष कामना हो, जैसे किसी तंत्र बाधा से रक्षा, परीक्षा में सफलता, चुनाव में विजय आदि तो website इस विधि से भैरव कवच का पाठ करें।

पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु

Your browser isn’t supported anymore. Update it to get the greatest YouTube practical experience and our most recent features. Learn more

ಹಸ್ತಾಬ್ಜಾಭ್ಯಾಂ ಬಟುಕಮನಿಶಂ ಶೂಲಖಡ್ಗೌದಧಾನಮ್

आपदुद्धारणायेति त्वापदुद्धारणं नृणाम् ।

Report this wiki page